महा शिवरात्रि रुद्रविशेक काशी
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव शादी के बंधन में बंधे थे। इसलिए इस दिन माता पार्वता और भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति को सुख और सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विशेष अवसर पर या सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि पर्व के दिनों पे दूध से अभिषेक करने से मनवांछित फल प्राप्ति एवं अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
विशेष पूजन में दूध दही घृत शहद और चीनी से अलग अलग एवं पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
रुद्राभिषेक प्रयुक्त होने वाले प्रशस्त द्रव्य व उनका फल
1. जलसे रुद्राभिषेक -- वृष्टि होती है
2. कुशोदक जल से -- समस्त प्रकार की व्याधि की शांति
3. दही से अभिषेक -- पशु प्राप्ति होती है
4. इक्षु रस -- लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए
5. मधु (शहद)-- धन प्राप्ति के लिए यक्ष्मारोग (तपेदिक)।
6. घृत से अभिषेक व तीर्थ जल से भी -- मोक्ष प्राप्ति के लिए।
7. दूध से अभिषेक -- प्रमेह रोग के विनाश के लिए -पुत्र प्राप्त होता है ।
8. जल की धारा भगवान शिव को अति प्रिय है अत: ज्वर के कोपो को शांत करने के लिए जल धरा से अभिषेक करना चाहिए।
9. सरसों के तेल से अभिषेक करने से शत्रु का विनाश होता है।यह अभिषेक विवाद मकदमे सम्पति विवाद न्यालय में विवाद को दूर करते है।
10.शक्कर मिले जल से पुत्र की प्राप्ति होती है ।
11. इतर मिले जल से अभिषेक करने से शरीर की बीमारी नष्ट होती है ।
12. दूध से मिले काले तिल से अभिषेक करने से भगवन शिव का आधार इष्णन करने से सारे रोग व सारे शत्रु पर विजय प्राप्त होती है ।
13.समस्त प्रकार के प्रकृतिक रसो से अभिषेक हो सकता है ।
सार --उप्प्युक्त द्रव्यों से महालिंग का अभिषेक पर भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होकर भक्तो की तदन्तर कामनाओं का पूर्ति करते है ।
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